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शेयर मार्केट क्या है News

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शेयर मार्केट क्या है

 शेयर बाज़ार एक ऐसा बाज़ार है जहाँ कंपनियों के शेयर खरीदे-बेचे जा सकते हैं। किसी भी दूसरे बाज़ार की तरह शेयर बाज़ार में भी खरीदने और बेचने वाले एक-दूसरे से मिलते हैं और मोल-भाव कर के सौदे पक्के करते हैं। पहले शेयरों की खरीद-बिक्री मौखिक बोलियों से होती थी और खरीदने-बेचने वाले मुंहजबानी ही सौदे किया करते थे। 



 भारत में नंबर 1 शेयर बाजार कौन सा है?

 व्यापार के लिहाज से एनएसई सबसे बड़ा शेयर बाजार है। भारतीय शेयर बाजार में अधिकांश व्यापार, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के द्वारा किया जाता है। बीएसई 1875 से अस्तित्व में है। दूसरी ओर, एनएसई, 1992 में स्थापित किया गया था और 1994 में व्यापार शुरू किया था।

 शेयर बाजार के 4 प्रकार क्या हैं?

शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग के पांच तरीके होते हैं: इंट्राडे ट्रेडिंग, स्कैल्पिंग ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग, पोज़िशनल ट्रेडिंग, आर्बिट्रेज ट्रेडिंग. शेयर बाज़ार में दो तरह के शेयर होते हैं: इक्विटी शेयर, वरीयता शेयर. इक्विटी शेयर को सामान्य शेयर भी कहा जाता है. ये शेयर, निवेशकों को कंपनी के स्वामित्व के अधिकार देते हैं.

 1 शेयर कितना होता है?

एक शेयर एक कंपनी की पूंजी में एक प्रतिशत हिस्सा दर्शाता है। यह एक प्रकार का वित्तीय संपत्ति होता है जिसके माध्यम से लोग किसी कंपनी के मालिकाना हिस्सेदार बनते हैं। शेयर्स को धारक लोग वाणिज्यिक निकासी के लिए खरीद और बेच सकते हैं और शेयर बाजार में वे कीमतें बदल सकती हैं।

शेयर मार्केट फ्री कैसे सीखें?

फिनस्कूल एक ओपन सोर्स फ्री टू लर्निंग प्लेटफॉर्म है । इस प्लेटफॉर्म तक पहुंच आजीवन है और सभी मुफ्त पाठ्यक्रम सभी उपयोगकर्ताओं द्वारा मुफ्त में एक्सेस किए जा सकते हैं। फिनस्कूल स्टॉक मार्केट ट्रेडर्स के ज्ञान-आधारित समुदाय के निर्माण के लिए समर्पित है।

 Share कितने प्रकार के होते हैं?
व्यापक रूप से, दो प्रकार के शेयर हैं-इक्विटी शेयर और वरीयता शेयर। इक्विटी शेयर: इक्विटी शेयर को सामान्य शेयर के रूप में जाना जाता है।
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शेयर बाजार कितने प्रकार के होते हैं?
शेयर बाजार के चार प्रकार हैं: प्राथमिक बाजार (नई प्रतिभूतियों के लिए), द्वितीयक बाजार (मौजूदा प्रतिभूतियों के लिए), इक्विटी बाजार (स्टॉक के लिए) और डेरिवेटिव बाजार (अंतर्निहित परिसंपत्तियों पर आधारित वित्तीय अनुबंधों के लिए)।

 शेयर बाजार में कहां निवेश करें?
भारत में दो मुख्य एक्सचेंज हैं जहाँ आप ट्रेड कर सकते हैं , बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) । आप यहाँ शेयर बाज़ारों के बारे में ज़्यादा जानकारी पा सकते हैं। शेयर बाज़ार कितने प्रकार के होते हैं? दो प्रकार के शेयर बाज़ार हैं जिनमें आप ट्रेड कर सकते हैं, प्राथमिक शेयर बाज़ार और द्वितीयक शेयर बाज़ार।

भारत में कुल कितने शेयर मार्केट हैं?
सन् 1875 में स्थापित मुंबई का शेयर बाजार BSE एशिया का पहला शेयर बाजार है। स्टॉक मार्केट को सिक्योरिटी एक्सचेंज एंड बोर्ड ऑफ़ इंडिया यानी SEBI द्वारा मैनेज किया जाता है। आपको बता दें कि, भारत में SEBI द्वारा मान्यता प्राप्त 23 स्टॉक एक्सचेंज हैं। इनमें दो BSE और NSE के राष्ट्रीय स्तर के स्टॉक एक्सचेंज हैं।

शेयर बाजार कैसे काम करता है?
शेयर बाजार में कंपनियाँ अपनी हिस्सेदारी (equity) जनता को बेचने के लिए आईपीओ जारी करती हैं। फिर, जिन निवेशकों ने उन शेयरों को खरीदा है, वे उन्हें दूसरे निवेशकों को बेच सकते हैं। शेयर बाजार में कीमतों का उतार-चढ़ाव निवेशकों की मांग और आपूर्ति, कंपनियों के प्रदर्शन, और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों के आधार पर होता है।

 4. शेयर की कीमत कैसे निर्धारित होती है?
शेयर की कीमत मुख्य रूप से इन कारकों पर निर्भर करती है:
कंपनी का प्रदर्शन: यदि कंपनी अच्छा मुनाफा कमा रही है, तो उसके शेयर की कीमत बढ़ सकती है।
आर्थिक स्थिति: यदि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है, तो शेयर की कीमतें बढ़ सकती हैं।
बाजार की भावना: कभी-कभी शेयर की कीमतें बाजार की मनोवृत्ति और निवेशकों के विश्वास के आधार पर बदलती हैं।

5. शेयर बाजार में निवेश के लाभ:
लाभ का हिस्सा: यदि कंपनी मुनाफा कमा रही है, तो निवेशकों को डिविडेंड के रूप में लाभ मिल सकता है।
मूल्य वृद्धि: यदि शेयर की कीमत बढ़ती है, तो आप उसे महंगे मूल्य पर बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं।
संपत्ति निर्माण: समय के साथ सही निवेश से आपके निवेश की कीमत बढ़ सकती है, जो एक अच्छा संपत्ति निर्माण का तरीका हो सकता है।

 6. शेयर बाजार में जोखिम (Risk):
शेयर बाजार में निवेश करते वक्त जोखिम भी होता है, क्योंकि शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता रहता है। यदि कंपनी के प्रदर्शन में गिरावट आती है या बाजार की स्थिति खराब होती है, तो निवेशकों को नुकसान हो सकता है। इसलिए, निवेश करने से पहले बाजार के बारे में सही जानकारी और शोध करना बहुत जरूरी है।

7. शेयर बाजार में निवेश के तरीके:
लंबी अवधि का निवेश: यह एक रणनीति है जिसमें आप शेयरों को कई सालों तक रखते हैं, ताकि समय के साथ उनकी कीमत बढ़े।
शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग: इसमें आप शेयरों को कुछ दिनों या महीनों के अंदर खरीदते-बेचते हैं और कीमतों में उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाते हैं।

8. शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक (Indices):
BSE Sensex: यह 30 प्रमुख कंपनियों का एक सूचकांक है, जो BSE (Bombay Stock Exchange) में सूचीबद्ध हैं।
NSE Nifty: यह 50 प्रमुख कंपनियों का सूचकांक है, जो NSE (National Stock Exchange) में सूचीबद्ध हैं।

9. निवेश के लिए कुछ टिप्स:
शोध करें: शेयरों में निवेश करने से पहले पूरी तरह से शोध करें और कंपनी के बारे में जानें।
विविधता लाएँ: एक ही कंपनी या एक ही सेक्टर में सभी पैसे न लगाएं। अपने निवेश को विभिन्न क्षेत्रों में फैलाने से जोखिम कम हो सकता है।
लंबी अवधि की सोच रखें: बाजार में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं, इसलिए धैर्य बनाए रखें और लंबे समय तक निवेश करने पर विचार करें।

 10. शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण:
आर्थिक समाचार: देश की अर्थव्यवस्था में कोई बड़ा बदलाव जैसे GDP की वृद्धि या मंदी, महंगाई (inflation), ब्याज दरों में बदलाव, आदि से शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
कंपनियों के परिणाम: अगर कोई कंपनी अच्छा मुनाफा या अच्छी प्रगति दिखाती है, तो उसके शेयर की कीमत बढ़ सकती है। वहीं, अगर किसी कंपनी का प्रदर्शन खराब होता है, तो उसकी कीमत गिर सकती है।
राजनीतिक घटनाएँ: देश में होनेवाली चुनाव, सरकार के फैसले, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, आदि भी शेयर बाजार को प्रभावित कर सकते हैं।
प्राकृतिक आपदाएँ और संकट: जैसे बाढ़, भूकंप, महामारी (जैसे COVID-19), या युद्ध जैसी घटनाएँ भी शेयर बाजार पर असर डाल सकती हैं।

11. शेयर बाजार के प्रमुख खिलाड़ी (Market Participants):
निवेशक (Investors): वे लोग जो शेयरों को लंबी अवधि के लिए खरीदते हैं और रखकर मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं।
ट्रेडर्स (Traders): वे लोग जो शेयरों को दिन-प्रतिदिन (या शॉर्ट-टर्म) खरीदते और बेचते हैं, और तात्कालिक लाभ कमाने की कोशिश करते हैं।
ब्रोकर्स (Brokers): ये वे लोग होते हैं जो निवेशकों के नाम पर शेयर बाजार में ट्रेड करते हैं। ब्रोकर्स के पास लाइसेंस और पंजीकरण होते हैं, और वे आपको शेयर खरीदने और बेचने में मदद करते हैं।
मार्केट मेकर (Market Makers): ये वे संस्थाएँ या व्यक्ति होते हैं, जो बाजार में शेयरों की आपूर्ति और मांग को स्थिर बनाए रखते हैं। वे अपनी ओर से कीमतों को तय करते हैं और बाजार में तरलता बनाए रखते हैं।
पोर्टफोलियो मैनेजर (Portfolio Managers): ये पेशेवर लोग होते हैं जो निवेशकों के लिए निवेश पोर्टफोलियो का प्रबंधन करते हैं। वे निवेशकों के पैसे को विभिन्न शेयरों और अन्य वित्तीय उत्पादों में निवेश करते हैं।

12. बाजार में जोखिम का प्रबंधन:
विविधता (Diversification): जैसे आपने सुना होगा, "सभी अंडे एक टोकरी में नहीं डालने चाहिए"। शेयर बाजार में विभिन्न प्रकार के निवेश से जोखिम को फैलाने का प्रयास करें। आप अलग-अलग क्षेत्रों और उद्योगों में निवेश करके जोखिम कम कर सकते हैं।
रोक लगाने वाली आदेश (Stop-Loss Orders): यह एक प्रकार का आदेश होता है जो आप अपने ब्रोकरेज अकाउंट में सेट कर सकते हैं। इसका उद्देश्य यह होता है कि अगर किसी शेयर की कीमत तय सीमा से नीचे गिर जाए, तो स्वचालित रूप से वह शेयर बेचा जाए और नुकसान से बचा जा सके।
आर्थिक अनुसंधान (Research): निवेश करने से पहले कंपनियों के वित्तीय परिणाम, उद्योग रिपोर्ट, और बाजार की स्थितियों का अच्छी तरह से विश्लेषण करें।

13. शेयर बाजार से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें:
बाजार का उतार-चढ़ाव सामान्य है: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होना स्वाभाविक है। बाजार में कभी तेजी होती है तो कभी मंदी। इसलिये शॉर्ट टर्म में निवेश करने से पहले बाजार की प्रवृत्तियों को समझना जरूरी है।
शेयर बाजार में भावनाओं का प्रभाव: कई बार लोग अपनी भावनाओं (जैसे डर या लालच) के आधार पर निर्णय लेते हैं, जो निवेश के लिए सही नहीं होता। इसलिए शेयर बाजार में संयम रखना और योजना बनाकर निवेश करना जरूरी है।
पोर्टफोलियो रिव्यू (Portfolio Review): समय-समय पर अपने निवेश पोर्टफोलियो की समीक्षा करें। यदि आपको लगता है कि कोई निवेश अब सही नहीं है, तो उसे समायोजित करें या बेच दें।
चक्रवृद्धि लाभ (Compound Interest): शेयर बाजार में दीर्घकालिक निवेश से चक्रवृद्धि लाभ मिलता है, जिसका मतलब है कि आपका निवेश समय के साथ बढ़ता जाता है, और आप उस लाभ पर भी लाभ कमाते हैं।
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14. शेयर बाजार में निवेश के लिए कुछ महत्वपूर्ण सलाह:
अच्छी योजना बनाएं: निवेश करने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति और लक्ष्यों को समझें। एक स्पष्ट निवेश योजना तैयार करें।
शेयरों की खरीदारी में धैर्य रखें: शेयर बाजार में निवेश करना एक लंबी यात्रा हो सकती है। यदि आप दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाते हैं, तो आपको समय के साथ अच्छा लाभ मिल सकता है।
निवेश से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें: यदि आप शेयर बाजार में नए हैं, तो किसी वित्तीय सलाहकार या पेशेवर से मदद लें। वे आपको सही मार्गदर्शन दे सकते हैं।
समझदारी से जोखिम लें: हर निवेश के साथ जोखिम जुड़ा होता है, लेकिन यह जोखिम कितना है, इसे समझकर ही निवेश करें।
15.शेयर बाजार एक रोमांचक और लाभकारी स्थान हो सकता है यदि आप सही जानकारी के साथ निवेश करें। इसमें सफलता पाने के लिए अध्ययन, अनुभव और धैर्य जरूरी है। निवेश करने से पहले खुद को बाजार की नब्ज को समझने के लिए तैयार करें और जोखिम को समझें, ताकि आप अपने निवेश से बेहतर लाभ प्राप्त कर सकें।









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